इस वीडियो में सुपरवाइज्ड और अनसुपरवाइज्ड लर्निंग के बीच का अंतर समझाया गया है। सुपरवाइज्ड लर्निंग में, डेटा लेबल्ड होता है, जिसका मतलब है कि इनपुट और आउटपुट दोनों दिए जाते हैं। जैसे कि एक शिक्षक अपने छात्रों को पढ़ाता है, यहां मॉडल को ट्रेनिंग डेटा से प्रशिक्षित किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, 70 प्रतिशत डेटा का उपयोग प्रशिक्षण के लिए और 30 प्रतिशत डेटा का उपयोग परीक्षण के लिए किया जाता है, ताकि यह देखा जा सके कि मॉडल सही भविष्यवाणी कर रहा है या नहीं। वहीं, अनसुपरवाइज्ड लर्निंग में केवल इनपुट दिया जाता है, आउटपुट नहीं, और इसमें डेटा लेबलिंग की प्रक्रिया नहीं होती। मुख्य उद्देश्य यह है कि इन दोनों में डेटा का भिन्न उपयोग किया जाता है, जो कि इनकी कार्यप्रणाली का आधार है। ट्रेंडिंग मॉडल को सही ढंग से परखने के लिए, यह आवश्यक है कि समझा जाए कि क्या आवश्यक डेटा और सीखने की प्रक्रिया सही है। इसलिए ये दोनों लर्निंग तकनीकें महत्वपूर्ण हैं और किसी भी प्रतियोगी परीक्षा या साक्षात्कार में इनके बारे में जानकारी होना आवश्यक है।